💕💘एक दिन रुक्मणी ने भोजन के बाद,💘💕
💘💕श्री कृष्ण को दूध पीने को दिया।💕💘
💘💕दूध ज्यदा गरम होने के कारण
श्री कृष्ण के हृदय में लगा💕💘
और
उनके श्रीमुख से निकला-
" हे राधे ! "😀💕💘
💕💘सुनते ही रुक्मणी बोली-
प्रभु !
ऐसा क्या है राधा जी में,
जो आपकी हर साँस पर उनका ही नाम होता है ?💕💘
💕💘मैं भी तो आपसे अपार प्रेम करती हूँ...
फिर भी,
आप हमें नहीं पुकारते !!💕💘
👩❤️👩💘💕श्री कृष्ण ने कहा -देवी !
आप कभी राधा से मिली हैं ?
और मंद मंद मुस्काने लगे...💕💘
💕💘अगले दिन रुक्मणी राधाजी से मिलने उनके महल में पहुंची ।💕💘
💕राधाजी के कक्ष के बाहर अत्यंत खूबसूरत स्त्री को देखा...💘
और,
उनके मुख पर तेज होने कारण उसने सोचा कि-
💕💘ये ही राधाजी है और उनके चरण छुने लगी !💕💘
💕💘तभी वो बोली -आप कौन हैं ?💕💘
💕💘 रुक्मणी ने अपना परिचय दिया और आने का कारण बताया...💕💘
💘💕तब वो बोली-
मैं तो राधा जी की दासी हूँ।💘💕
💘💕राधाजी तो सात द्वार के बाद आपको मिलेंगी !!💘💕
💕💘रुक्मणी ने सातो द्वार पार किये...
और,💕💘
💕💘हर द्वार पर एक से एक सुन्दर और तेजवान दासी को देख सोच रही थी क़ि-💕💘
💕💘अगर उनकी दासियाँ इतनी रूपवान हैं...💕💘
तो,
राधारानी स्वयं कैसी होंगी ?💕💘
💕💘सोचते हुए राधाजी के कक्ष में पहुंची...💕💘
कक्ष👩 में राधा जी को देखा-
अत्यंत रूपवान तेजस्वी जिसका मुख सूर्य से भी तेज चमक रहा था।💕💘
रुक्मणी सहसा ही उनके चरणों में गिर पड़ी...💘
पर,
💕ये क्या राधा जी के पुरे शरीर पर तो छाले पड़े हुए है !👩
👩💕रुक्मणी ने पूछा-
देवी आपके शरीर पे ये छाले कैसे ?💘
💘तब👩 राधा जी ने कहा-
देवी !💕
कल आपने कृष्णजी को जो दूध दिया...💕💘
वो ज्यदा गरम था !💘
💕💘जिससे उनके ह्रदय पर छाले पड गए...💘
और,
उनके💘 ह्रदय में तो सदैव मेरा ही वास होता है..!!👩
💕इसलिए कहा जाता है-💘
💕बसना हो तो...
'ह्रदय' में बसो किसी के..!👩
'💕💘दिमाग' में तो..
लोग खुद ही बसा लेते है..!!👩
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║ ❤️💋प्रेम से कहिये जय श्री राधे ║💋❤️ ║
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