आप भी समझ लो मुझको समझाने के बाद.. इंसान मजबूर हो जाता है दिल आने के बाद हम दुनिया के सामने हाथ नहीं जोड़ते, वरना काम निकल जाने के बाद दुनिया वाले हाथ तोड़ देते है समन्दर में तैरने वाले, कुओं और तालाबों में डुबकियाँ नहीं लगाया करते डरे हुए लोग अकसर अल्फ़ाज़ों के पीछे छुपते हैं Attitude तो बचपन से है, जब पैदा हुआ तो डेढ़ साल मैंने किसी से बात नही की । भीङ में खङा होना मकसद नहीं हैं मेरा ,बलकि भीङ जिसके लिए खडी है वो बनना है मुझे ॥। Dekh Babe, नमक स्वाद अनुसार और अकड़ औकाद अनुसार ही अच्छी लगती है हक़ से दो तो तेरी नफरत भी कुबूल है हमें , खैरात में तो हम तुम्हारी मोहब्बत भी न लें!!! मेरे मिज़ाज को समझने के लिए, बस इतना ही काफी है, मैं उसका हरगिज़ नहीं होता….. जो हर एक का हो जाये। सीढ़ियाँ उन्हे मुबाराक जिन्हें छत पर जाना हो…मेरी मंज़िल तो आसमाँ है..मुझे रास्ता खुद बनाना है॥ दूसरों के प्रति हमारा व्यवहार ये निश्चित करता हैं की हमारे प्रति उनका व्यवहार कैसा होगा!! “बात” उन्हीं की होती है, जिनमें कोई “बात” होती है..! हम भी दरिया है, हमे अपना हुनर मालूम हे। जिस तरफ भी चल पड